Monday, December 23, 2019

#Dilkibaat


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#पानी अपना पूरा जीवन
देकर पेड़ को बड़ा करता है,
इसलिए शायद पानी लकड़ी
को कभी डूबने नही देता"
*माँ-बाप का भी कुछ ऐसा ही सिध्दांत है*

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#वो जो बता रहा था कई रोज का सफर!
जंजीर खींच के वो मुसाफ़िर उतर गया!!

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#मुझे भूल जाना तेरी मजबूरी है!
या किसी ने तुम्हे मजबूर कर दिया है!!

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#अजीब लोग हैं ,खुशियाँ छीन कर कहते हैं कि खुश रहो!!

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#अजनबी चेहरे नही...!!
अजनबी रवैये तकलीफ देते है..!!

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#तेरी तरफ चले तो उम्र कट गयी.......
ये अलग बात है कि रास्ते नही कटे .......

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*दिन छोटे और राते लम्बी हो चली है*
*लगता है जैसे मौसम नें यादो का वक्त ने*
*याद करनें का वक्त बढा दिया है*

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#ज़िन्दगी को मुस्कुरा के जी लिया,
तो,मौत आगे देखकर क्यूं डर रहे हो ?

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#तुम मेरी वो मुस्कान हो!
जिसे देख कर घर वाले भी शक करते हैं!

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#बहुत दिन बाद तुमने जान बोला
बहुत दिन बाद मुझमें जान आयी

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#वो दीवाली कैसे मनाये दोस्तो,
जिसकी फुलझड़ी खफा हो।।

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#आज जो दिल में है ,
एक दिन वो किस्मत में होगा !

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#मुझे फकत इश्क़ है उससे।।
मेरी जागीर नही है वो।।

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#चंद्र बिंदी सी तुम
अर्धविराम सा मैं

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#इन फासलों के पीछे...!
सब फैसले तुम्हारे थे...!

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#उससे लड़कर लौटा हूँ
खुद से झगड़ना बाकी है

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#वो ज़हर देता तो सब की निगह में आ जाता
सो ये किया कि मुझे वक़्त पे दवाएँ न दीं

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#जिन्दगी ने एक बात तो अच्छे से सिखा दी,
हम किसी के लिये हमेशा खास नहीं रह सकते!!

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#लोग दीवाने है बनावट के,हम कहाँ जाये ये सादगी लेकर!!

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#ये प्यार होता ही ऐसा है, होता किसी और का है और ले कोई और जाता है..... !! ये गलत बात है....

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#मोहब्बत चाय नही जो सबको पिला दिया जाए!!

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#जिन रिश्तों में आपके मौजूदगी का कोई मतलब ना हो,वहाँ से मुस्करा कर चले जाना ही बेहतर होता है...!!

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#हादसा बस इतना सा था
की अपनी बर्बादी को हम इश्क़ समझ बैठे..

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#तुमने बीमार बनाकर जो मुझे बख़्शी है ज़ीस्त
मयकशी.!यह भी रहा कर्ज़ तुम्हारा मुझपर....

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#जज्बात लिखे तो ये मालूम हुआ...
पढ़े लिखे लोग भी पढ़ना नही जानते...!!

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#तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब।।
आईने गुजरा हुआ वक़्त नही बताया करते।।

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*दिल से नाज़ुक नही*
*दुनिया में कोई चीज*
*लफ्ज़ का वार भी*
*खंजर की तरह लगता है।*

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*एक ना एक रोज हासिल कर ही लेगेँ मंजिल को..*
*ठोकर जहर तो नही जो खाकर मर जायेगें..*

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#उन बद्दुआओं से डरो।।
जो बोल कर नही दी जाती।।

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#खुदा जब हुस्न देता है
तो नजाकत आ ही जाती है।

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#वो जरूरत नही मगर जरूरी था मेरे लिए।।

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#जिंदगी चुभ रही है मुझे।।
मौत से कहो गले लगा ले।।

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*तू ख़ुशी दे या गम दे* , *मगर देते रहा कर*.........
*तू उम्मीद है मेरी* , *तेरी हर चीज अच्छी लगती है.*......

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*किताबों की तरह बहुत से* *अल्फाज़ हैं मुझमें*........
*पर किताबों की तरह ही मैं खामोश रहता हूॅ*.......

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#अब मैं थक गया हूं।।
हवा से कह दो, मुझे बुझा दे।।

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#सोचता हूं।।
की अब ना सोचूँ कुछ भी।।

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#जो कहा गया, वो तो शब्द हुआ..
जो नि: शब्द है वो प्रेम है ..!!

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#मैं पत्थर हूँ कि मेरे सर पे ये इलज़ाम आता है,
कहीं भी आईना टूटे मेरा ही नाम आता है।।

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*सारी उम्र पूजते रहे लोग अपने हाथ से बने उस पत्थर के खुदा को*....
*हमने खुदा के हाथ से बने हुए एक को चाहा तो हम गुनहगार हो गए*

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*मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल*,
*वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का*;

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*जिस तरफ़ सोचता हूँ की अपने हैं,*
*पहला पत्थर उधर से ही आता हैं... ।*

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# मुझे इंतज़ार करना आता है।।
बस तुम लौटना सिख लो।।

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#वो जो बता रहा था कई रोज का सफर!
जंजीर खींच के वो मुसाफ़िर उतर गया!!

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#मुझे भूल जाना तेरी मजबूरी है!
या किसी ने तुम्हे मजबूर कर दिया है!!

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#अजीब लोग हैं ,खुशियाँ छीन कर कहते हैं कि खुश रहो!!

❣❣❣

#अजनबी चेहरे नही...!!
अजनबी रवैये तकलीफ देते है..!!

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#तेरी तरफ चले तो उम्र कट गयी.......
ये अलग बात है कि रास्ते नही कटे .......

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#सकल हमारी देखेगा तो
सोचेगा हम बदल गए है।।

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#जाया ना कर अपने अल्फ़ाज़ हर किसी के लिए।।
बस खामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है।।

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#धनतेरस तो उसकी हुई,
जिसकी #तुम हु॥

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#हो गयी मोहब्बत पूरी,
चलो अब कपड़े पहनते है।।

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#सकल हमारी देखेगा तो ।।
सोचेगा हम बदल गए है ।।

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#ज़िन्दगी को मुस्कुरा के जी लिया,
तो,मौत आगे देखकर क्यूं डर रहे हो ?

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#तुम मेरी वो मुस्कान हो!
जिसे देख कर घर वाले भी शक करते हैं!

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#बहुत दिन बाद तुमने जान बोला।।
बहुत दिन बाद मुझमें जान आयी।।

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#वो दीवाली कैसे मनाये दोस्तो,
जिसकी फुलझड़ी खफा हो।।

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#आज जो दिल में है ,
एक दिन वो किस्मत में होगा !

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#मुझे फकत इश्क़ है उससे।।
मेरी जागीर नही है वो।।

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#इश्क़ हो और सुकून भी हो।।
सुनो जनाब होश में तो हो।।

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#जाया ना कर अपने अल्फ़ाज़ हर किसी के लिए।।
बस खामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है।।

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#हो गयी मोहब्बत पूरी,
चलो अब कपड़े पहनते है।।

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#तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में..
लबों तक आते आते, तुम ग़ैर हो गए.!

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#आपने अपना कह दिया जबसे ।।
जिन्दगी जिन्दगी-सी लगती है।।

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#मै तेरे बेवफा होने से परेशान नही,
दिल लगाने के लिए पूरा जहाँ बाकी है ।।

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#ज़िंदगी जिस्म चाहती है दोस्त।।
और तुम रूह ले के आए हो।।

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#तजुर्बा-ए-जिन्दगी ने मुझे बस ये सिखाया!
बेकार के हुजूम से बेहतर है मेरी तन्हाई!!

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#हाथ की लकीरों में तुम हो या न हो !
पर दिल में जिन्दगी भर रहोगे!

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#जो उम्र भर न मिल सके उसे।।
उम्र भर चाहना इश़्क है||

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#काश कोई लौटा दे मेरे वो स्कूल के दिन!!
जब हम दोस्त रह ना पाते एक दुसरे के बिन!!

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#तेरे जाते ही दुनिया हशीन हो गयी
तुम थी तो नज़र बस तुझ पर थी

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#लौटते वक़्त डूबी नाव मेरी
यानि तूने दोबारा याद किया

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#रूठे हुए अपने और टुटे हुए सपने!
बडी तकलीफ देते हैं !!

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#तुम दुनिया के लिए एक इंसान हो!
पर मेरे लिए तो तुम पुरी दुनिया ही हो!!

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#फुर्सत मिले तो कुछ लिख कर भेज दिया कर!
एक तेरे ही मेसेज का इन्तजार रहता है!!

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: अकेले वारीश हो तुम
मेरी बेशुमार चाहतो के 😘

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#मेरी सदिया बिगाड़ दी तुमने ।।
अपने लम्हें संवारने में।।

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#हर दिन गुजरता है हर दिन के जैसे
कोई मर नहीं जाता किसी के जाने से

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# दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है।।
सोच समझ वालों को थोड़ी नादानी दे मौला।।

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#आईने से फेर लिया मुंह।।
क्या खुद को पहचान गए हो।।

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#वो आटा गुधंती रहे और मैं उसके चेहरे से जुलफे हटाया रहू ....
उफ्फ मेरे इत्तू इत्तू से सपने ।।😘

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#क्या न था इस जहान में आख़िर ।।
हम भी क्या ही तलाश करते रहे।।

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: तुम कुछ कहे जाओ क्या कहूँ मैं ।।
बस दिल में जवाब रख रहा हूँ।।

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#आसमाँ से कभी हम ने भी उतारा न उसे।।
और उस ने भी हमें ख़ाक-नशीं रहने दिया।।

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#ज़ात-दर-ज़ात हम-सफ़र रह कर ।।
अजनबी अजनबी को भूल गया।।

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# डुबोया मुझ को होने ने,न होता मैं तो क्या होता??

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#अब निकल आओ अपने अंदर से।।
घर में सामान की जरूरत है।।

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#यहीं तो मुहब्बत है यारों के अब वो।।
हमारी तरफ कम से कम देखते हैं।।

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#बुझ गया दिल हयात बाक़ी है ।।
छुप गया चाँद रात बाक़ी है।।

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#सजा ये है कि बंजर जमीन हु मै।।
और जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क हो गया!!

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